वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१ अप्रैल २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय-२ श्लोक-६२)<br />ध्यायतो विषयान्पुंसः संगस्तेषूपजायते<br />संगात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते<br /><br />प्रसंग:<br />स्वयं को सुधारने का माध्यम क्या है?<br />सोंच कैसे बदलें?<br />क्या मन और जीवन दोनों एक ही है?
